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जी ले ए दिल

SAITUNIK
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प्यार के हैं रंग कई
दर्द के हैं भाई कई
इस जहाँ में इन सबका है मोल
जीवन प्यार और दर्द का जो है खेल
फूलों और काँटों जैसा है इनका साथ
सावन की झड़ी है एक तो
दूसरी है जेठ की तपास
दिल अगर प्यार से हो सराबोर
तो दर्द की पीड़ का कम होता है एहसास
अपनों का साथ हो जीवन में
तो देता है वह मरहम का काम
ए दिल
दर्द की दहलीज को तुम जरूर लाँघना
ए दिल
प्यार के जुनून को तुम जरूर पहचानना
परंतु मेरे भोले दिल कभी न भूलना
दर्द के लम्हों में मिली सीख को
कभी न भूलना
प्यार और खुशियों से भरे सुहाने पलों को
यही तो है जीवन का सुनहरी रंग
यही तो है जीने का मूल मंत्र
दिल में लेप लगा प्यार का
और निकाल दे काँटा दर्द का
जी ले जी ले जी ले ए मन
ये तो है चित और पट का खेल
जिंदगी की बाजी कभी इस ओर तो
जिंदगी की बाजी कभी उस ओर
हताशा और निराशा को परे रख
ए मेरे दिल जी ले जिंदगी के ये पल
ए मेरे दिल जी ले जिंदगी के ये पल
कवयित्री – मीता गोयल
meetagoel.in

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