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दिल की धड़कनों में छिपा ये मेरा प्यार
हाए कह रहा है तुमसे बार बार कि
तुम ही तो हो मेरी चाँदनी रातों का करार
तुम ही तो हो मेरे दिल का बेसब्री भरा इंतज़ार
तुम ही तो हो मेरी दिल का बेसब्री भरा इंतज़ार
हर चौबारा हर चौराहा
मैं ढूँढ़ता रहा तुम्हें ए मेरे हमनशीं
हर मौसम हर दिन और हर पल
मैं सोचता रहा तुम्हें ए मेरे दिलनशीं
आज मिलन की बेला में तुम क्यों लजाती हो
दरवाजे की आड़ में खड़े क्यों तुम मुझे सताती हो
दिल में उबलते इन जज्बातों को तो समझो
धड़कनों में मचलते इन अरमानों को तो समझो
जुबाँ से एक दफा तो कह दो मेरे यार
कि तुझे भी मुझसे है प्यार
कि तुझे भी मुझसे है प्यार
बचपन की यादों से सजा है तेरा मेरा ये संसार
हर पल बढ़ा है इश्क़ का बिल मेरे यार
बेताबी से भरे इस दिल पर मरहम तो रखो
पास आकर इस शाम को रंगीन तो करो
काँपती हुई इस जुबाँ से एक बार तो कहो
कि तुझे भी मुझसे है प्यार
कि तुझे भी मुझसे है प्यार
कवयित्री – मीता गोयल
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